आदिवासी धर्म कॉलम लागू करने की मांग पर दिल्ली में 29 को एकदिवसीय धरना

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ब्यूरो, रांची।

आदिवासियों के लिए अलग से धर्म कॉलम की मांग को लेकर पुराने विधानसभा सभागार में रविवार को सेमिनार का आयोजन हुआ। बैठक की अध्यक्षता पूर्व मंत्री देव कुमार धान ने किया। उन्होंने कहा कि देश के अलग अलग हिस्सों में आदिवासी समुदाय के लोग बिखरे हैं। देश में हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई सबों के लिए कॉलम बने हैं। लेकिन आदिवासियों के लिए अबतक कॉलम नहीं बना। इसलिए सबों की सहमति से जनगणना प्रपत्र में अलग से आदिवासी के लिए धर्म कॉलम देने के बाबत विचार बनी है। केंद्र सरकार के समक्ष इसे लागू करने की दिशा में कार्रवाई की जाएगी। मांग पर आगामी 29 फरवरी 2025 को दिल्ली के जंतर मंतर में एक दिवसीय महाधारणा देने पर सहमति बनी है।

मौके पर समाजसेवी अभय भुटकुंवर ने कहा कि विधानसभा सभागार में जातीय मामले में बिखर रहे हैं। उरांव मुंडा भील हर तरह के जाति हैं। लेकिन इन्हें एक कोड लाने के लिए धर्म कोड। यदि धर्म कोड लागू होती है तो हम सभी सुरक्षित रहेंगे। जनप्रतिनिधियों पर दबाव डालकर मुद्दे को सांसद पर रखना होगा। कुछ लोग मुसलमान की सभा में जाएगा तो मुसलमान बन जाएगा। हिंदू की सभा में जायेंगे तो हिन्दू बन जाते हैं। आदिवासी के तौर पर 112 धर्म सामने आया है। लेकिन सोचना होना जब आदिवासी है तो इसपर एकमत होना चाहिए। सेमिनार में देव कुमार धान, अभय भूटकुंवर, फूलचंद तिर्की, बल्कू उरांव, छत्तीसगढ़ के कंदर राज सिद्धाम, डॉ सुबोध हांसदा समेत पलामू, गढ़वा, उड़ीसा व अन्य कई राज्य के प्रतिनिधि मौजूद थे।

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