₹28 करोड़ की पुल ढहने पर आई जांच रिपोर्ट अनुसार ठेकेदार–पदाधिकारी पर अबतक क्यों नहीं हुई कार्रवाई : दिलीप मिश्रा

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स्टेट ब्यूरो, झारखण्ड।

राजधानी रांची अंतर्गत बुंडू स्थित बामलाडीह और हराडीह के कांची नदी में बने नए पुल के सालभर में ही बारिश में बहने के बाद। जब सूबे के मुख्यमंत्री ने इसपर जांच का आदेश दिया। मामले पर दोषीदार भ्रष्ट अफसर ठेकेदार पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। यह बातें झारखंड विकास मोरचा के पूर्व खूंटी जिला अध्यक्ष दिलीप मिश्रा ने सोमवार को कही।
उन्होंने बकायदा रांची जिला अंतर्गत बुंडू अनुमंडल में 4 साल पहले साल 2021 में नवनिर्मित पुल के टूटने पर जांच में कोताही करने और भ्रष्ट पदाधिकारी अफसरों पर करवाई न होने पर सवाल खड़ा किया है। मांगो को लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री दीपिका सिंह पांडे और झारखंड के डीजीपी को पत्र लिखकर मामले को दोबारा अवगत कराया है।

उन्होंने पत्र के माध्यम से कहा है कि बालू माफियाओं के अवैध खनन तथा ठेकेदार एवं ग्रामीण विकास विभाग के इंजीनियरों की मिली भगत से ही यहां करीब 28 करोड़ रूपया की लागत से तैयार पुल सालभर में ही नदी की धारा में बह गई।

उन्होंने कहा कि साल 2021 में उक्त दोनों पुल का निर्माण ग्रामीण विकास विभाग द्वारा कराया गया था। दोनों पुल के निर्माण में 28 करोड़ की लागत खर्च मिट्टी पर मिलने का खास कारण है। पुल बालू माफियाओं के अवैध खनन तथा भ्रष्ट्र ग्रामीण विकास विभाग के इंजीनियरों एवं ठेकेदार लोगों की मिली भगत। जिससे यह कमजोर पुल का निर्माण कराया गया था।
तभी तो 28 करोड़ की लागत से बनाया गया ये पूल बारिश का एक साल भी नहीं झेल सका। दोनों पुल ढह गया।
दिलीप मिश्रा ने कहा कि सरकार द्वारा जांच कराई गई पर वह सिर्फ दिखावा था। जांच कमेटी की रिपोर्ट में बताया गया कि पुल का निर्माण में गड़बड़ी की गई घटिया सामग्री का उपयोग किया गया। फिर भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। यह बड़ा सवाल खड़ा करता है।
इन पुल के टूटने से करीब 30 से 40 गांव के लोगों का बुंडू समेत अन्य जगहों में आने-जाने के लिए लगभग 40 किलोमीटर की दूरी तय करके रोजाना आवाजाही करना पड़ रहा है।
विगत 4 साल से आज तक सरकार के अफसर पुल टूटने की जांच करते रहे। लेकिन पुल की मरम्मत नहीं कराई गई। और ना भ्रष्ट ठेकेदार और इंजीनियरों पर कोई कार्रवाई हुई। इसलिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इसपर ध्यान देते हुए अविलंब अपने स्तर से कार्रवाई करें। भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लगाने पर भ्रष्टाचार में लिफ्ट पदाधिकारियों का मनोबल ऊंचा ही रहेगा।
मुख्यमंत्री उक्त दोनों पुलो के निर्माण में भ्रष्ट ठेकेदार भ्रष्ट इंजीनियरों एवं भ्रष्ट पदाधिकारी जो जांच दल में थे। सभी पर कार्रवाई करें। ताकि सरकार के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ेगा।

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