स्टेट ब्यूरो, रांची। केंद्र सरकार से भीख नहीं अपना हक मांग रहे, बकाया राशि नहीं मिलेगी तो लीगल तौर पर आगे बढ़ेंगे : वित्त मंत्री
केंद्र सरकार के समक्ष झारखंड के बकाया ₹1 लाख 36 हजार करोड़ के वापसी करने के संबंध में पूछे गए सवाल पर वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने कहा कि केंद्र सरकार के समक्ष बकाया राशि की मांग जायज है। और बार-बार हमने केंद्र सरकार को रोक-टोक किया। लेकिन हमारी मांगों पर सरकार ध्यान नहीं दे रही है।
उन्होंने बताया कि साल 2022 में तत्कालीन मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने पहले भारत सरकार कैबिनेट मंत्रालय को एक पत्र लिखकर इस बाबत प्वाइंट आउट मांग रखी थी कि झारखंड के अलग-अलग सेक्टरों में केंद्र सरकार का कितनी राशि राज्य सरकार के समक्ष बकाया है। पत्र में झारखण्ड का केंद्र के समक्ष 1 लाख 36 हजार करोड़ बकाया होने की बातें कही गई थी। लेकिन इसका कोई जवाब नहीं आया। दूसरी बार साल 2023 में भी हेमंत सोरेन की सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर बकाया राशि भुगतान करने के बात कही थी।
लेकिन दोनों ही सवालों का जवाब न देकर केंद्र की तरफ से एक पॉलिटिकल प्लेटफार्म जो महान विधानसभा की सर्वोपरि संस्था है। उसपर बिहार के एक मंत्री के सवाल के आलोक में केंद्र ने जवाब दिया कि झारखण्ड सरकार का केंद्र के पास कोई बकाया राशि नहीं है। लेकिन अच्छा होता सार्वजनिक तौर पर केंद्र के जवाब देने के बजाए केंद्र सरकार, झारखंड की तरफ से भेजे गए पत्र का विभागीय जवाब देता।
उन्होंने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार के बीच मधुर संबंध होने चाहिए। और उसी के तहत हमने अपनी मांगें रखी हैं।
हम केंद्र सरकार से भीख नहीं अपना हक मांग रहे हैं। यदि केंद्र सरकार के पास जरा भी राजनीतिक सुचिता है। तो केंद्र सरकार हमारा पैसा वापस करें। नहीं तो लीगल तौर पर हम आगे जाएंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार एक बार में राशि भुगतान न कर तीन-चार किस्तों में भी झारखंड का बकाया राशि भुगतान कर सकता है। नहीं तो लीगल तौर पर आगे बढ़ने के रस्ते खुले हैं।