गंगा अस्पताल पर फिर लगा दरिंदगी का आरोप, इलाजरत पति–पत्नी मौत पर गुस्साए ग्रामीणों ने घेरा गंगा अस्पताल

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गंगा अस्पताल खूंटी में पति पत्नी मौत मामला तूल पकड़ लिया है। नाराज परिजनों और बड़ी संख्या में जुटे ग्रामीणों ने गंगा अस्पताल को घेरकर खूंटी–तोरपा मुख्य मार्ग पथ को जाम कर दिया। मौके पुलिस ने भी अस्पताल पहुंचकर मोर्चा संभाला।

जानकारी के अनुसार बीते नौ जनवरी 2025 को खूंटी-रांची मुख्य मार्ग पर तजना नदी के पास दो बाइकों की टक्कर के बाद घायल दिनेश महतो (40) और उसकी पत्नी रानी देवी बेलांगी निवासी घायल हो गईं। आनन फानन में गंगा अस्पताल लाया गया। जहां दोनों का इलाज चल रहा था। लेकिन इसी बीच पति का निधन हो गया। इसके बाद शनिवार को गंगा अस्पताल में ही इलाजरत पत्नी की भी आकस्मिक निधान हो गई।

घटना स्थल पर पहुंचे एसडीएम DC को सौंपा ज्ञापन :

घटना स्थल भड़के मृतक परिवार के परिजनों ने अस्पताल में इलाज के नाम पर कोताही बरतने और जान बूझकर उनके मरीजों के जान माल से खिलवाड़ करने के बाबत खूंटी उपायुक्त लोकेश मिश्रा और खूंटी एसडीएम को लिखित ज्ञापन सौंपा। न्याय करने कि गुहार लगाई है।

इलाज के नाम पर गंगा अस्पताल मरीजों से ठगता है रुपया :

कई पीड़ित ग्रामीणों की माने तो गंगा अस्पताल में मरीज को भर्ती कर इलाज के नाम पर मोटी रकम ऐंठी जाती है। मरीजों को जिला में बेहतर इलाज सुविधाएं नहीं मिलती है। और सदर अस्पताल भी गंगा अस्पताल ही भेजता है। और यहां आकर मरीजों को ठगने का काम किया जाता है।

भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष काशीनाथ महतो ने मृतक के परिजनों से मुलाकात कर ढाढस बंधाया। उन्होंने कहा कि दिनेश महतो भाजपा के समर्पित कार्यकर्ता थे। अस्पताल प्रबंधन की गलत नीतियों के कारण ही घटना घटी।

सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप मिश्रा ने कहा कि दूर दराज के लोगों को अस्पताल में एक बड़ी उम्मीद दिखती है। इसलिए लोग दूर दराज से यहां इलाज करने आते हैं ऐसे में अस्पताल का दायित्व होता है कि इलाज करने में किसी तरह की कोताही न बरते। उन्होंने कहा कि घटना निंदनीय है।

अस्पताल ने मरीजों को लुभाने के लिए लगाया है आयुष्मान का बोर्ड :

स्थानीय लोगों का कहना है कि केएस गंगा अस्पताल ने आयुष्मान का एक बड़ा बोर्ड लगा रखा है। बोर्ड के माध्यम से गरीब मरीजों को लुभाया गया कि कई बड़े लगभग हर बीमारियों का इलाज सिर्फ आयुष्मान कार्ड से किया जाता है। बावजूद इसके अस्पताल में भर्ती करने के बाद आयुष्मान से इलाज न कराकर। गरीबों से मोटी रकम वसूली की जाती है।

हालांकि केएस गंगा अस्पताल में मरीज की मौत के बाद हुए हँगामा को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन ने प्रशासन से अस्पताल में मारपीट और तोड़फोड़ का गंभीर आरोप लगाया है।

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