मुख्यमंत्री ने कहा – झारखंड में इको टूरिज्म की अपार संभावनाएं
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने झारखंड में इको टूरिज्म के विकास को लेकर अधिकारियों को एक ठोस कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया। उन्होंने झारखंड मंत्रालय में मुख्य सचिव श्रीमती अलका तिवारी, वन पर्यावरण विभाग के सचिव श्री अबू बकर सिद्दीकी, और पर्यटन विभाग के सचिव श्री मनोज कुमार के साथ बैठक में यह निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में इको टूरिज्म की व्यापक संभावनाएं मौजूद हैं और इसे इस तरह विकसित किया जाए कि स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलें और प्रकृति का संरक्षण सुनिश्चित हो।
इको टूरिज्म के लिए विशेष स्थानों का होगा चयन
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि राज्य के ऐसे स्थानों की पहचान करें जहां इको टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा सके। उन्होंने वन पर्यावरण विभाग और पर्यटन विभाग को समन्वय के साथ काम करने की सलाह दी। मुख्यमंत्री का कहना है कि झारखंड की प्राकृतिक धरोहरों को देश और दुनिया में अलग पहचान दिलाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
इको टूरिज्म के तहत स्थानीय वन, जलप्रपात, और अन्य प्राकृतिक स्थानों को विकसित करने की योजना बनाई जा रही है। इससे न केवल पर्यटकों को बेहतर अनुभव मिलेगा, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा।
अन्य राज्यों और देशों के मॉडल का होगा अध्ययन
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सुझाव दिया कि वे उन राज्यों और देशों के इको टूरिज्म मॉडल का अध्ययन करें, जहां इस क्षेत्र में अच्छे कार्य हुए हैं। उन्होंने कहा कि झारखंड के इको टूरिज्म को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए सभी संबंधित विभागों को मिलकर काम करना होगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार की मंशा झारखंड में अंतरराष्ट्रीय स्तर के इको टूरिज्म का विकास करने की है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार इस दिशा में हर संभव कदम उठाएगी, जिससे झारखंड की प्राकृतिक सुंदरता और पर्यावरण संरक्षित रहे।
रोजगार और संरक्षण दोनों पर रहेगा फोकस
इको टूरिज्म के विकास से न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि यह स्थानीय निवासियों के लिए आय का एक स्थायी स्रोत भी बनेगा। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि इको टूरिज्म योजनाएं ऐसी होनी चाहिए, जो प्रकृति और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना क्षेत्र का विकास करें।
झारखंड सरकार की इस पहल से राज्य में पर्यटन को नई दिशा मिलने की उम्मीद है। इसके साथ ही झारखंड की प्राकृतिक सुंदरता और पर्यावरण को संरक्षित करते हुए इसे पर्यटन मानचित्र पर नई पहचान मिलेगी।