मंईयां सम्मान योजना में अगले वर्ष सरकार को हो सकती है परेशानी

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टैक्स चोर बिल्डर्स और जूलरी दुकानदारों पर सरकार कसेगी शिकंजा, बनी रणनीति

ब्यूरो, झारखण्ड।
झारखण्ड में मंईयां सम्मान योजना के लिए निर्धारित राशि की व्यवस्था करना चुनौती से भरा है। इसके लिए सरकार को आनेवाले समय में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। यह बातें कर वाणिज्य एवं वित्त विभाग द्वारा प्रोजेक्ट भवन स्थित सभागार में गुरुवार को आयोजित “संभावनाओं की तलाश” राजस्व वृद्धि–चुनौती और समाधान संबंधित समीक्षात्मक बैठक में उभरकर सामने आई। बैठक में
टैक्स चोरी करनेवाले बिल्डर्स के साथ–साथ ज्वेलरी, मिठाई और हार्डवेयर दुकानदारों और झारखण्ड में दो लाख से ऊपर के समान खरीददारी पर टैक्स चोरी करनेवालों पर करवाई करने पर भी रणनीति बनी है।

वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने अधिकारी पदाधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि राज्य में कई ऐसे सेक्टर हैं। जहां से राजस्व में बढ़ोतरी हो सकती है। लेकिन हमारे आसपास होने वाले छोटी-छोटी चीजों पर विभाग का ध्यान नहीं जाता। 2 लाख से अधिक की खरीदारी होने पर भी कई ऐसे दुकानदार हैं जो बिल नहीं देते और न ही आमजन बिल लेना चाहते हैं। ऐसे में टैक्स चोरी होना स्वाभाविक है। मंत्री ने अवैध बालू उठाव और माइनिंग पर होनेवाले टैक्स चोरी को लेकर खास रणनीति के तहत कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार पर सबकी नजरें हैं। अधिकारी पदाधिकारियों को प्रत्येक साल 21 हजार करोड़ के राजस्व वसूली को बढ़ाने का लक्ष्य दिया गया है। उम्मीद है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में सबकुछ ठीक होगा।

वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने कहा कि झारखंड वह प्रदेश है जिसके गर्भ में खनिज संपदाएं भरी पड़ी है। लेकिन विकास के।मामले में उड़ीसा छत्तीसगढ़ से आज भी पीछे हैं। हम वो क्यों नहीं कर सकते हैं। जो हमारा पड़ोसी राज्य और रहा है। इसे समझते हुए काम करना होगा।

उन्होंने कहा कि विभाग में मानव संसाधनों का अभाव है। ऐसे में सबसे बड़ा चैलेंज है कि टारगेट कैसे पूरा हो। विभाग में सभी 443 पदों में 209 पद अबभी रिक्त पड़े हैं। प्रक्रियात्मक जटिलताएं हैं। उसे दूर करते हुए पद भरें। ताकि फील्ड में अधिकारी पदाधिकारी बढ़िया से काम कर सकते है। उन्होंने कहा कि जीएसटी टैक्स के बारे आपको जानकारियां है। लेकिन हम मिलकर राजस्व में वृद्धि कैसे प्राप्त कर सकते हैं। यही बातें रखना चाहते थे। नए संभावनाओं की तलाश करें। माइंस ट्रांसपोर्ट आदि से अधिक से अधिक रेवेन्यू प्राप्ति पर ध्यान दें। उन्होंने कहा कि 26 हजार करोड़ का टारगेट पूरा भी कर अतिरिक्त 2 हजार करोड़ अतिरिक्त राजस्व हो इस दिशा में काम करने की आवश्यकता है। कॉमर्शियल टैक्स विभाग इसपर काम करें।

उन्होंने कहा कि हार्डवेयर दुकान से समान खरीदने पर कभी पक्का बिल नहीं मिलता। बिल्डिंग मकाने बन रही है। सिर्फ रांची से 4 से 5 हजार करोड़ राजस्व वसूली हो सकती है।
बड़ी बड़ी मिठाई की दुकानें हैं जहां आपको बिल नहीं मिलेगा। अपर बाजार में कई कपड़े की व्यापारी भी बिल नहीं देते। यदि इन अब चीजें को टारगेट कर काम करेंगे तो रेवेन्यू बढ़ेगा।

पदाधिकारी थोड़ा अलर्ट होंगे तो रेवेन्यू बढ़ेगा। पलामू में स्टोन चिप्स में जितना काम झारखंड में हो रहा हो उतना बिहार में नहीं हो रहा। एक चलान में चार बार फेरा लगा रहा है। पलामू के अधिकारी बताएं कोई जांच हुई है इसपर। नहीं हुआ है तो करिए। कोडरमा देवघर, पश्चिम बंगाल सीमा में भी नहीं होती जांच। बारह टन पॉल्यूशन है और पच्चीस टन ढुलाई होती है।

उन्होंने कहा कि पलामू लोग जब उग्रवादियों का सामना कर सकते हैं तो हम भी कर सकते हैं लेकिन आपको फिर दिक्कत होगी। इसलिए यह काम आप कर लीजिए।

उन्होंने कहा कि आंकड़े पर नहीं जाना चाहते लेकिन सलाना 21 हजार करोड़ का ही राजस्व हर साल क्यों जा रहा। बड़ा सवाल है।

विभाग के प्रधान सचिव प्रशांत कुमार ने कहा कि जीएसटी आने के बाद काफी परिवर्तन आया है। लेकिन पदाधिकारियों को रेगुलेटरी पर प्रॉपर मॉनिटरिंग करने की आवश्यकता है। जिसके लिए सबों के पास डाटा एनालिटिक टूल मौजूद हैं। टैक्स एक्सपीरियंस पर जहां गलती हो रही है। उसपर पदाधिकारी ध्यान दें। डाटा एनालिस्ट टूल मददगार साबित होगी। बैठक में मंत्री के अलावे विभागीय सचिव, आयुक्त समेत जिला के वरिय पदाधिकारी मौजूद थे।

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