ब्यूरो, रांची/झारखण्ड।
वित्त विभाग के प्रधान सचिव प्रशांत कुमार ने मईया सम्मान योजना में होनेवाले बड़े खर्च को बजट में मेंटेन करने संबंधित सवाल पर कहा कि झारखंड में 01 लाख 28 हजार करोड़ का बजट है। जिसमें 48 हजार करोड़ का स्थापना बजट है। ऐसे में राज्य सरकार के पास बजट की कोई कमी नहीं है। जिससे किसी योजना को लागू करने में परेशानी होगी।
उन्होंने बताया की स्कीम के तहत आनेवाली बजट की स्थिति काफी अच्छी 60 प्रतिशत से ऊपर के आसपास है। सचिव ने बताया कि 80 हजार करोड़ के स्कीम बजट में 15 हजार करोड़ राशि का मईया समान योजना को दिया जा रहा है। और स्कीम के लिए अबभी सरकार के पास 65 हजार करोड़ रूपए मौजूद है। भारत सरकार भी इस बात को लेकर प्रयासरत है कि राज्य का राजस्व कैसे बढे।
और उम्मीद है कि आने वाले वित्तीय वर्ष में झारखंड का राजस्व 10 से 15 हजार करोड रुपए बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि निरंतर गतियां के साथ बजट के मामले में राज्य प्रगति कर रहा है। सभी क्षेत्रों में समान रूप से खर्च करेंगे।
उन्होंने कहा कि स्कीम के तहत होने वाले खर्च करने के मामले में झारखंड गिने चुने राज्यों में शामिल है। जहां हर साल 10% से अधिक कैपिटल पर खर्च हो रहे हैं। कैपिटल खर्च करने में झारखण्ड आगे है। बाकायदा इसी बात को लेकर केंद्र सरकार से झारखंड को 450 करोड रुपए इंसेंटिव राशि भी के तौर पर मिलता है।